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हरजाई पीली पत्ती

आज कल मुझे  एक नयी मुसीबत से दो चार होना पड़ रहा है | मेरी परेशानी की वजह है पीली  पत्ती | मै आपको बता दूं कि पत्तियां कई रंग की होती हैं ये रंग हैं हरी, पीली और लाल | हमारी जिंदगी में तीनो तरह की पत्तियों की अहम जगह होती है | इनमे से सबसे ऊपर है लाल, उससे नीचे पीला और उसके नीचे हरी |  ये  जो लाल पत्ती होती है इसके रखने वाले इस समाज के सबसे रसूखदार लोग होते हैं और पीली पत्ती के मालिक उनसे थोडा नीचे आते हैं वहीँ सबसे नीचे आते हैं नीली पत्ती के मालिक | मै अभी तक सबसे नीचे पायदान पर हूँ | आज कल नीचे पायदान पर रहने वालों की कोई पूछ नहीं होती, यही हाल मेरा भी है | सबसे निचले पायदान पर रहने वालों के साथ एक परेशानी और जुडी रहती है कि अगर गलती से अनजाने में उनके पास पीली पत्ती आ जाये तो समझो आ गयी मुसीबत | अब तो यह मुसीबत आये दिन मेरा पीछा करती ही रहती है | भला हो इन हरजाई एटीएम का जो आये दिन पीली पत्ती ही निकल कर देता है | न चाहते हुए भी यह मुझसे चिपक जाती है | पीली पत्ती मिलने के बाद शुरू होती है असली मुसीबत | पहली मुसीबत इस पीली पत्ती को नीली पत्तियों में बदलबाने के लिए दर दर भटकना पड़ता है | दूसरी दूकान से कुछ अनचाहा सामान खरीदना पड़ता है |
जब इस पीली पत्ती को लेकर दूकान पर जाता हूँ तो पहले तो दूकानदार मुझे शक की निगाहों से देखते हुए घूरता है और फिर मेरी पीली पत्ती को, उसके बाद ऊपर से नीचे एक सरसरी निगाह मेरे ऊपर डालकर ऐसे देखता है जैसे मै कोई चोर हूँ या इतना तुच्छ इंसान जिसे उसकी हैसियत से उलट मुझे यह पत्ती मिल गयी हो और फिर मेरी पत्ती को देखता है | दुकानदार की कातिलाना निगाहों से मै ऐसे डर जाता हूँ जैसे चोर पुलिस से | फिर वो पत्ती को टियूब लाइट की रोशनी में पत्ती को गौर से निहारता कर कहता है “कम से कम पचास रुपये का सामान खरीदना पड़ेगा” | मै बेचारा पत्ती का मारा न चाहते हुए सामान खरीदना पड़ता है और सामान लेकर चल पड़ता हूँ अपनी मंजिल की ओर |

 

2 विचार “हरजाई पीली पत्ती&rdquo पर;

  1. aarif bhai….bhale hi pili pattiyaan harzai hoti hai….par sabhi ko pili or lal pattiyoo ki hi chahat hoti hai…..waise bahut badhiyaan likha hai aapne

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